2021-2022
Published on 30 August 2022 512 downloads
Published on 18 January 2022 Modified on 18 January 2022 1482 downloads
श्रीश्रीभागवत-पत्रिका वर्ष-१८ • संख्या—१-९
नित्यलीलाप्रविष्ट ॐ विष्णुपाद अष्टोत्तरशतश्री श्रीमद्भक्तिवेदान्त वामन गोस्वामी महाराज आविर्भाव-शतवार्षिकी-स्मारक-विशेषाङ्क
“मैं पूज्यपाद वामन महाराजजीके साथमें प्राय: ६० वर्ष रहा हूँ। मैंने उनके जीवन चरित्रको बहुत निकटसे देखा और समझा है, उनमें वैष्णवोचित सभी लक्षण थे। वे स्वभावसे ही बड़े सरल, गम्भीर, सहिष्णु, गुरु-निष्ठा सम्पन्न, वैष्णव-सेवा परयाण थे। इन्हीं सब गुणोंके कारण वे भक्तिके अति उच्च सोपान पर उपस्थित हो सके। उनकी गुरु-निष्ठा अद्भुत थी। गुरु-सेवाके लिये वे अपने प्राणोंको हाथोंमें लेकर चलते थे। हमने बहुत गुरु-सेवकोंको देखा है, किन्तु जिस प्रकारसे पूज्यपाद वामन महाराजजीने अपनी ब्रह्मचर्य अवस्था और संन्यास अवस्थामें परमाराध्यतम श्रील गुरु-महाराजकी तन, मन, वचन, भावना सब प्रकारसे सेवा की है, ऐसे गुरु-सेवक जगतमें विरले ही हैं।” श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज
“अपने ज्येष्ठ गुरु-भ्राताकी मधुर-स्मृतियोंके परिवेशन एवं उनके निरन्तर महिमा-गानके द्वारा श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराजने अपने चरणाश्रितजनों एवं अनुगतजनोंके हृदयोंमें श्रील भक्तिवेदान्त वामन गोस्वामी महाराजके अद्भुत-अप्राकृत व्यक्तित्व, आदर्श जीवन-चरित्र एवं शिक्षाओंके विषयमें अधिकाधिक रूपसे अवगत होनेकी वर्धनशील अभिलाषाका रोपण किया है।” सम्पादकीय
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